“The city may win, but too often its citizens seem to lose” (Glaecer, 2011). Recently, two prominent food shops in Varanasi were demolished to make way for road development aimed at easing traffic congestion. These weren’t ordinary food stalls, they…
Continue Readingकैसे कह दूँ कि तुमसे प्यार है मुझे,
कैसे कह दूँ कि ना चाहते हुए भी खोने लगा हूँ तुम में,
तेरी हर अदा अब अच्छी लगने लगी है,
इंतज़ार करने लगा हूँ तेरे एक शब्द को सुनने का, तेरी एक झलक पाने का,
कैसे कह दूँ...
खुद को समझाता हूँ,
और थक कर बैठ जाता हूँ।
अ…
आजकल बहुत दुःख है। वो दिन कुछ और था जब हम भी चैन से सोया करते थे। शाम जैसे ही होती थी, हम वापस आ जाते थे अपने घर। पूरे कैंपस के साथी यहाँ आ जुटते थे। हमें बहुत अच्छा लगता था संगमरमर के उस भवन के चारो ओर पंख फैला कर उड़ना। पूरे दिन भर का थकान यहाँ आकर…
Continue Readingमेरा शहर
जून की दोपहर में
गलियों में दौड़ते
वो बच्चे...
अब नहीं दिखते।
मटका कुल्फी वाली गाड़ी की
घंटी का
अब इंतज़ार कोई नही करता।
कोई पुरानी कॉपी को नहीं संभालता कि उसे रद्दी में बेचकर,
उसके बदले में ली जाएगी
सोनपापड़ी।
उस मैदान में जहाँ
एक ओर क्रिकेट खेला जाता था…
साथ
था साथ हमारा कुछ पल का,
पर लाखों बातें करनी थी,
लाखों थे तब अहसास छुपे,
इक नई कहानी बुननी थी।
जी पाते उस एक पल को हम,
इक हवा का झोंका सा आया,
ज्यों टूटे पत्ते शाखों से,
हर सपना वैसे तोड़ गया।
कुछ कह पाते कुछ सुन पाते,
उससे पहले ही दूर हुए,
किसी बंदिश ने तु…
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